मेरे ऑफिस का वो कोना, जहां धूएं के छक्के में उड़ती हैं कड़वाहट

मीडिया ऑफिस का वो कोना, जहां हर कोई सिगरेट के धूएं के साथ अपनी झल्लाहट, अपनी कड़वाहट और तिक्तता निकालता है। वो कोना और सिगरेट हम जैसे आफिस वालों का सच्चा साथी है। जो हर पल हमारा साथ देने को तैयार है। जब दुनिया की भीड़ से घबराहट होने लगे एक सिगरेट की फूंक कोने में जाकर सुलगा लो सारी दुनिया से नाराजगी दूर हो जाती है। पता नहीं क्यों।

आज उस कोने को बहुत ही करीब से देखा। देखती तो रोज हूं, जबसे ऑफिस डेस्क पर बैठी हूं। लेकिन आज शाम कुछ पल बिताया और देखा एक के बाद एक अंदर से कलिग निकलर आ रहे थे और सिगरेट हाथों में लिए उसके धूएं के साथ अपनी कड़वाहट और थकान भी निकाल रहे थे।

कहते हैं मीडिया हाउस में सिगरेट पीना एक फैशन जैसा है। लेकिन मुझे लगता है ये सिगरेट उन सभी मीडियाकर्मियों की दोस्त है जो आफिस के अंदर तनाव को बाहर निकालने का कोई रास्ता ढूंढते हैं लेकिन मिलता नहीं है। तभी ये दोस्त, सिगरेट उनकी मदद करती है। मुझे पता है सिगरेट के नुकसान और ये भी पता है ये कोई समाधान नहीं है, लेकिन क्या हम कुछ पल के लिए  इसके साथ को और उस कोने को महसूस कर सकते हैं। 

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