अधूरे सपने

कभी लगता है सपनों को ऊंचा उड़ने दें, तो कभी लगता है इनके पंख काट दूं।
कभी लगता है सपनों को सागर जैसा गहरा कर दें, तो कभी लगता है इन्हें पानी में बहा दूं।
कभी लगता है सपनों को फूल जैसे महकने दें, तो कभी लगता है इन्हें तोड़ मरोड़ दूं।
कभी लगता है सपनों को सहेज कर रखें, तो कभी लगता है इन्हें जहन से निकाल दूं।
कभी लगता है सपनों को बच्चे की तरह बड़ा होने दें, तो कभी लगता है इन्हें दिल में दफ्ना दूं।

कभी ठंड में ओस की बूंद जैसे लगते हैं सपने, तो कभी सुखी घास जैसे दिखते हैं सपने।
कभी सर्दियों में धूप का मीठा एहसास देते हैं सपने,तो कभी गर्मी की लू जैसे जलते हैं सपने।
कभी जिंदगी में हजारों रंग भरते हैं सपने,तो कभी जीवन के सब रंग उड़ा ले जाते हैं सपने।
कभी खुशियों का पैगाम लेकर आते हैं सपने,तो कभी गमों के बादल से घेर देते हैं सपने।

टूटे-बिखरे, पूरे-अधूरे जैसे भी हैं जिंदगी में जान भरते हैं सपने। सबसे बुरा होता सपनों का दम तोड़ देना। आपको जिंदा रखते हैं सपने। 

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