#Dream सपना, जज्बा और जरूरत
हममें जज्बा तो बहुत कुछ
करने का होता है, हम सपनें भी बहुत देखते हैं, लेकिन हर सपना पूरा नहीं होता।
जरूरतों के हिसाब से सपनें बदल जाते हैं। उनके पड़ कट जाते हैं और वे अधूरे रह
जाते हैं। कभी कभी आपकी जरूरतें आपके सपनों को मोड़ देती हैं। आपका जज्बा कभी भी
आपका सपना नहीं बन सकता है। जज्बा जोश की निशानी है। कुछ कर गुजरने की चाहत और उमंग
है जज्बा। ये हर उम्र में होता है, ये बदलता रहता है। जज्बा होना अच्छी बात है। इससे
लगता है कि आप में ऊर्जा है कुछ करने का। आप जिंदा हैं। हम बहुत सारी चीजें ऐसी
करती हैं जो हमारा पैशन बन जाता है। ऐसा जुनून जिसे पूरा करने के लिए हम कुछ भी
करते हैं। कभी कभी आपका पैशन ही आपका सपना बन जाता है। ऐसा बहुत कुछ है जो हम
जानते हैं कि कर नहीं पाएंगे लेकिन करने की चाहत रखते हैं। उसे करने के लिए हम
किसी भी हद तक जा सकते हैं। लेकिन वो हमारा सपना नहीं बन पाता है। जज्बों के अलावा
भी एक दुनिया होती है जिसमें हम जीते हैं। लेकिन सपने सपने तो वो होते हैं जो हम
सोते जागते हर पल सिर्फ देखते नहीं लेकिन उसे जीते हैं। भले वो पूरा हो या न हो। सपने
देखने के लिए जज्बा चाहिए होता है। कभी कभी सपने अधूरे भी रह जाते हैं। हम कभी
कभार ऐसे बड़े सपने भी देख लेते हैं जो कभी पूरी हो ही नहीं सकते लेकिन हम देखते
हैं। सपना देखते वक्त हम ये नहीं सोचते कि ये कितना सच है और जिंदगी की सच्चाई से
कितना परे। जी हां सपने तो बस सपने होते हैं। इनका किसी से कोई लेना देना नहीं है।
ये तो अपनी ही दुनिया में रहते हैं।
अब बात करते हैं जरूरतों की। तो जरूरत ऐसी चीज
है जिसे हम रोजाना महसूस करते हैं। एक पल के लिए सपना भूल भी जाएं लेकिन जरूरत हर
पल हमें जीवन के संघर्षों का एहसास कराती हैं। हमारे सपने जरूरत के हिसाब से बदल
भी जाया करते हैं। जी हां कभी तो जरूरतें हमारे सपने बन जाते हैं। सोचा तो बहुत
कुछ था ऐसा करेंगे वैसा करेंगे लेकिन मजबूरी। ये कहते तो बहुत लोगों को सुना होगा
न। इसका मतलब यही होता है कि जरूरतें ऐसी होती हैं कि इन्सान मजबूर हो जाता है
उनके आगे। जीने के लिए कुछ जरूरतों को पूरा करना जरूरी है। आपके सपने इतने बड़े
होते हैं लेकिन फिर भी वे जरूरतों के आगे झूक जाते हैं। जरूरतों को पूरा करने के
लिए कई बार सपनों का त्याग करना पड़ता है। जीने के लिए सपने नहीं जरूरतों की चादर
ओढ़नी पड़ती है। जरूरत आप से जो करवाती है आपको करना पड़ता है। कुछ सपने ऐसे होते
हैं जो बस सपने होते हैं वे आपकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरा नहीं कर सकते हैं। उन्हें
बस देखकर भूला दिया जाता है। या तो दिल में जिंदा रखा जाता है। असल जीवन में उनकी
जगह छोटी है।
wo sapna hi kya jiske liye ap jiye ni . jarurate pura krne mein bhale hi apko apna sapna pura krne mein der ho jaye ya shayad zindagi b khatam ho jaye pr sapna khatam ni hona chahiye & jazba hona chahiye usey pura krne ka qk zindagi mauka zaroor degi sapna pura krne k & jinme jazba hoga wo unhe pura kr lenge
जवाब देंहटाएं