“ कोशिश ”
कभी ‘कोशिश’ रुठे हुए को मनाने की,
कभी ‘कोशिश’ नए सपने सजाने की,
कभी ‘कोशिश’ टूटे हुए अरमान संजोने की,
कभी ‘कोशिश’ उनके चेहरे पर हंसी लाने
की,
कभी ‘कोशिश’ कुछ नया करने की,
कभी ‘कोशिश ’ खुदको पहचानने की,
कभी ‘कोशिश ’ बीते लम्हे ढूंढ लाने की,
कभी ‘कोशिश ’ खोए रिश्ते वापस लाने की,
कभी ‘कोशिश’ दर्द भूलाकर फिर
मुस्कूराने की,
कभी ‘कोशिश’ एक दिन खुदके लिए जीने की,
एक इसी जज्बात ने मरने नहीं
दिया अब तक की हर रोज करती रही ‘कोशिश ’ जीने की
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