हर रिश्ते की बुनियाद है दोस्ती...
नई दिल्ली। आज दिन है दोस्ती का, आज यही दुआ है मेरी, तू सदा खुश रहे यही इल्तिजा है मेरी, हैपी फ्रेंडशिप डे।
ऐसा ही कुछ रिश्ता होता है दोस्ती का। खून के रिश्ते हमें परिवार में मिलते हैं, लेकिन दोस्ती भगवान का दिया हुआ वह खूबसूरत वरदान व तोहफा है जो सभी रिश्तों की बुनियाद बन जाता है।
फ्रेंडशिप डे मनाने का इतिहास
स्वतंत्रता दिवस, मातृ दिवस व वेलेनटाइन डे की तरह फ्रेंडशिप डे भी पूरे विश्व में उतने ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हॉलमार्क के स्थापक जोयस हॉल ने इस दिन की रचना की थी। सन् 1958 के 30 जुलाई को औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे की घोषणा की गई थी। बताया जाता है कि डाक्टर अर्टरमिओ ने अपने दोस्त ब्राचो के साथ पैरागुए नदी के पास रात्रि भोजन किया था। पहली बार पैरागुए में ही इस दिन को मनाया गया था। दक्षिण अमेरिकी देशों में सबसे पहले इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत हुई थी। इसके बाद भारत में भी फ्रेंडशिप डे बड़े ही चाव से मनाया जाने लगा। भारत में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण अमेरिकी देशों में जुलाई महीने को काफी पावन माना जाता है, इसलिए जुलाई के अंत में ही इस दिन को मनाया जाता है। बांग्लादेश व मलेशिया में डिजिटल कम्यूनिकेशंस के तहत यह दिन ज्यादा चर्चित हो गया है। इस दिन को मनाने की असली तारीख वर्ष 1919 में है। यूनाइटेड नेशंस ने भी इस दिन पर अपनी मुहर लगा दी थी।
फ्रेंंडशिप डे का महत्व
इस दिन दोस्त एक दूसरे को गिफ्टस, कार्ड देते है। एक-दूसरे को फ्रेंडशिप बैंड बांधते है। दोस्तों के साथ पूरा दिन बीता कर अपनी दोस्ती को आगे तक ले जाने व किसी भी मुसीबत में एक दूसरे का साथ देने का वादा करते हैं। हालांकि जिनके पास गिफ्टस व कार्ड देने की क्षमता नहीं है, वह अपने प्यार के एहसास से ही दोस्त को दोस्ती का महत्व समझा देते हैं। पहले इस दिन को कुछ चुनिंदा देशों में कुछ चुनिंदा लोगों में ही मनाने का दस्तूर था, लेकिन इन दिनों सोशल नेटवर्किंग साइट्स की बढ़ते पायदान की वजह से लोगों में यह दिन काफी चर्चित हो गया है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें