पुणे धमाके से ठहर गया इंडिया...
त्यौहारों के इस माह में इन बम ब्लास्ट ने सुरक्षा बलों की माथे पर लकीरें खींच दी हैं। फिलहाल रमजान चल रहे है और जब यह धमाके हुए वह रोजा खोलने का वक्त था। ऐसे में बाजार व सड़कों पर काफी भीड़ होती है। ब्लास्ट के बाद पुलिस ने अनुमान लगाया है कि यह किसी बड़े आंतकी साजिश का हिस्सा नहीं है। स्थानीय लोगों ने ही यह धमाके कराए हैं ताकि लोगों में दहशत फैल सकें।
धमाके के बाद 14 शहरों में हाइ अलर्ट जारी कर दिया गया है। 15 अगस्त के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर पुलिस व प्रशासन पहले से ही हर जगह चौैकस था लेकिन देर शाम हुए पुणे सीरियल ब्लास्ट के बाद सभी शहरों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई।
कुछ दिनों में जन्माष्टमी आने वाली है। कहीं ना कहीं पूरा देश उत्साह में झूम रहा है और ऐसे में पुणे धमाके ने लोगों में डर पैदा कर दिया है।
अमेरिका ने भी दी थी चेतावनी
विश्व का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही भारत को चेतावनी दे डाली थी कि खूंखार आंतकी संगठन लश्कर ए त्यैबा भारत में बड़े आंतकी हमले करने की साजिश बना रहा है। अमेरिकी खुफिया विभाग ने जानकारी दी थी कि लश्कर ए तैयबा जो इतने दिनों से चुपचाप बैठा हुआ है। जल्द ही वह कोई बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना में है। वहीं महाराष्ट्र पुलिस ने भी इस बात की तसदीक की है कि राज्य सरकार के पास इस तरह की खुफिया जानकारी थी कि पुणे समेत कुछ अन्य जगहों पर ब्लास्ट हो सकते हैं।
पहले भी निशाने पर रहा पुणे
ज्ञात है कि 13 फरवरी वर्ष 2010 में पुणे के जंगली महाराज रोड से पांच किमी दूर जर्मन बेकरी में हुए बम धमाके ने भी कई लोगों की जान ले ली थी। एक बार फिर पुणे को निशाना बनाकर सीरियल ब्लास्ट किए गए। जंगली महाराज रोड जहां पर कई रेस्तरां व डिस्क है, जहां लोगों की आवाजाही भी काफी हद तक है।
पुलिस प्रशासन की भूमिका
जर्मन बेकरी में हुए धमाके के बाद से महाराष्ट्र पुलिस कहीं ना कहीं सतर्क हो गई है, इसलिए जब बुधवार शाम यह धमाका हुआ तो पुलिस ने जरा भी देर ना करते हुए तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण किया। मौके पर पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंचे। वहीं प्रशासन ने इस हमले की जांच के आदेश दिए है। पुलिस ने इस बार बम तलाशने के लिए रोबोटिक आम्र्स का भी इस्तेमाल किया।
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