No Political interview Please - PM With Akshay
तुम क्या हो, तुम हो क्या पीएम। तुम प्रधानमन्त्री हो, नेता
हो, देश के राजनेता हो, बीजेपी के शीर्षक लीडर हो, या एक गुजराती हो, एक मां के
बेटे हो, एक संघी हो या एक आम इंसान हो। मैंने जब से अक्षय कुमार के साथ पीएम की बातचीत सुनी तबसे अब तक अपने हाथ
को ये चंद बातें लिखने से रोक नहीं पाई। एक पत्रकार होने के बावजुद मुझे कभी भी
पीएम को लेकर या राजनीति में चल रही इतनी हलचल के बारे में लिखने का दिल नहीं
किया। पिछले दिनों टीवी चैनल्स पर मोदी के स्पेशल इंटरव्यू के बाद भी कोइ सवाल
नहीं जागा कोई बात नहीं उठी दिल में जिसे लिखा जा सके। लेकिन आज एक पत्रकार के तौर
पर नहीं बस एक आम इंसान जिसने मोदी को करीब से आज सुना होगा उसके हिसाब से लिख रही
हूं। कोई राजनीति या पार्टी के समर्थन में नहीं हूं। बस सिंपल चंद बातें जो छू गई।
इतना वंडरफुल लगा आज इन दोनों की बातें सुनकर। अफिस में शोर
हुआ कि कोई पीएम से ऐसे बेकार सवाल कैसे कर सकता है। पीएम को गुस्सा आता है या
नहीं, कैसे कंट्रोल करते हैं। क्या खाते हैं क्यों सोते नहीं हैं। परिवार और मां
पर चर्चा हुई। एक पीएम से ऐसे सवाल। लेकिन मुझे लगता है आज सही माइने में पीएम को
एक इंसान की तरह से देखा गया। हां हो सकता है चुनाव के समय ऐसा इंटरव्यू क्या रंग
लाएगा, या क्या असर होगा इसका। शायद पीएम ने थोड़ा पॉलिस लगाकर बोला । मुझे नहीं
पता।
I just felt touched with the talks. कितना कुछ सुनने का था, कितना कुछ समझने का था।
क्या हम कुछ पल के लिए एक इंसान की तरह पीएम की बातों से शिक्षा नहीं ले सकते।
क्या प्रेरना लेने के लिए किसी को राजनीति से नापना तौलना जरूरी होता है। नहीं- आप
बस पीएम की कई बातों को सुनिये, जीवन की गहराई को समझेँ। जिस अंदाज से अक्षय ने
सवाल किए, क्या संजीदापन था, कितने जायज और गंभीर सवाल थे। शायद एक राजनीतिक
इंटरव्यू ऐसा हो ही नहीं सकता। हमें राजनीति से ऊपर उठकर भी देखना चाहिए।
पीएम ने कहा- मैं शाम को खुले आसमान के नीचे ही चाय पीना
पसंद करता हूं। मैं देश के लिए हमेशा से ही कुछ करना चाहता था। मैं टीम को पहले
बनाना पसंद करता हूं, अकेले आगे बढ़कर क्या मिलेगा। मैं खुद से मिलने के लिए दूर
जाता हूं। जब ये लड़ाई शुरू की थी तब पता था बहुत लंबा होगा सफर। सालों से लड़ रहा
हूं और आगे भी लड़ने के लिए तैयार हूं। दर्द होता है तो खुद ही उसका इलाज बनाता
हूं। सफाई से और ढंग से रहना मेरा नेचर है। गरीबी के कारन खुद को बहुत सहेज कर और
खुला रखा। सब कुछ सीखा आर अपने आपको ओपन रखा। कहीं भी सो जाना। पीएम हैं तो क्या
हुआ एक इंसान पहले हैं और जिंदगी को आम इंसान की तरह जिया है। प्लीज दिग्गज इसे
सुने।
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