Story behind the story
हमारा काम ऐसा है कि अगर आप इंस्टैंट कोई डीसिजन नहीं ले पाए तो आप गए समझो। मतलब उपस्थित बुद्धि, हर वक्त सतर्क, एक्टिव,समझदार, चालाक और तुरंत फैसले लो आगे बढ़ जाओ। मतलब हर वक्त तैयार। अब किसी भी पीसी में आप हमेशा चाहते हो कि पहली बाइट आपको मिले, आप प्लानिंग करते हो स्टैटेजी बनाते हो। लेकिन कई बार कुछ समझ नहीं आता। ये आपका कच्चापन कह सकते हैं या यूं कह सकते हैं कई बार चीजें आपके हाथ में नहीं होती।
मेरे साथ हुआ। मैं कैबिनेट की पीसी में थी, फोन बंद हो गया अचानक। समझ सकते हैं क्या हाल हुआ होगा। टीवी चैनल प्रिंट नहीं है कि शाम तक आराम से प्वाइंटर बनाकर कॉपी लिखनी है। यहां फ्लैश, लाइव, प्वाइंट, बाइट, पीसी टीक टैक सब जाना है।
मैंने पीसी खत्म होते ही सेकी को चेस किया इतनी देर में राधामोहन सिंह पास से चले गए और मैं समझ नहीं पाई कि एकदम तुरंत माइक लगाना था और बस। बाद में पल भर में रिलाइज हुआ ये क्या हुआ। मैंने कैसे भी करके सेकी का टीक टैक एक्स्लु किया। लेकिन अफसोस रहा उस पल का। क्या था वो। समझ नहीं पाई या एकदम से हो गया। कोई बात नहीं हो जाता है। क्या कोई एडिटर इसे समझेगा, या गलती है मेरी। मैं आज पांच दिन बाद भी जवाब ढूंढ रही हूं और पूरे दिन बेचैन रही।
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