Noida Diary: झुग्गी में रहने वाले बच्चों का मसीहा बनी चैलेंजर्स की पाठशाला

इन दिनों नोएडा को जानने के सफर में कुछ ऐसे लोगों से मुलाकात हुई, जिन्हें शायद बाहर तो क्या नोएडा में रहने वाले ही नहीं जानते लेकिन उनकी मुहिम काबिल ए तारीफ है. मीडिया हमेशा नाम शोहरत और कुछ बड़े काम करन वालों को ही जानती है, तब्बजों वालों को ही और तबज्जों देती है लेकिन इन लोगों से अलग कुछ ऐसे भी लोग हैं जो औरों की छोटी सी दुनिया में बड़ा बदलाव कर रहे हैं. सुनने में लगेगा बहुत छोटे स्तर पर काम हो रहा है, लेकिन कई अंधेरी जिंदगियों में रोशनी भर रहे हैं. उनके प्रयास सच में काबिल ए तारीफ है. आज हम आपको ऐसे ही दो लोगों की पहल से मिलवाते हैं, जो नोएडा के गरीब और पिछड़े बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की रोशनी कर रहे हैं.  

चैलेंजर्स की पाठशाला, इसके बारे में सुना है आपने..नहीं नोएडा की झुग्गी-बस्तियों में चलने वाली ये पाठशाला पिछले 6 सालों से 700 बच्चों की जिंदगी में रोशनी कर चुकी है, ऐसे बच्चे जो पढ़ना चाहते हैं, लेकिन सड़कों पर भीख मांगने पर मजबूर हैं, उन्हें शिक्षा का अधिकार दिलाया. बच्चे हमारे भविष्य होते हैं, उनकी आंखों में खूबसूरत सपने होते हैं, सुंदर भविष्य के, जिस उम्र में उनके हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए उस समय उनके हाथों में झाड़ू या फिर कुछ बेचने का सामान होता है, उनके सपनों को पूरा करने का बेड़ा नोएडा के 24 साल के प्रिंस ने उठाया

Challengers Ki Pathshala

आज से 6 साल पहले प्रिंस ने चैलेंजर्स की पाठशाला, नाम से ही इसका महत्व क्लियर है, चुनौतियों को जीतने वाले, यहां जिंदगी की शिक्षा दी जाती है. नोएडा के सेक्टर 22 में इस मुहिम की शुरुआत हुई थी, उसके बाद धीरे धीरे आज ये सिर्फ नोएडा में ही नहीं बल्कि कई और शहरों में भी बाहें पसार रहा है. बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी हर पहलु की देखरेख करती है ये टीम, प्रिंस के साथ कई लोग और जुड़े हैं जो ये काम कर रहे हैं. सभी लोग काफी यंग और उत्साही हैं. ये बच्चे सिर्फ पढ़ने में ही नहीं, बल्कि कई और क्षेत्रों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.  अपने जीवन के साथ साथ दूसरों की जिंदगी को भी सही राह पर लेकर जाने के लक्ष्य को लेकर काम करती है चैलेंजर्स की पाठशाला

इस तरह की प्रेरणादायी और सच्ची स्टोरीज के लिए पढ़ते रहें - सफरनामा

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट