कांग्रेस के 'महाकुंभ' में कौन लगाएगा डूबकी ?

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से ही कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे थे। लोकसभा के बाद जब बिहार और दिल्ली के चुनाव की बारी आई तो कांग्रेस को यहां भी मुंह की खानी पड़ी। जिसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की छुट्टियों को लेकर विवाद हुआ और फिर कांग्रेस में नेतृत्व की कमी को लेकर मंथन शुरू हो गया।
विपक्ष ने तरह-तरह के सवाल उठाए और कांग्रेस आत्मचिंतन करने लगी। लेकिन फिर भी उम्मीद बाकी थी। पांच राज्यों के चुनाव होने वाले थे और कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टी को अपना सहारा बनाने लगी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में भी कांग्रेस का ऐसा हाल हुआ जिसके बाद कुछ कहने को नहीं रह जाता है।
देश की सबसे बड़ी पार्टी, सालों से देश में राज करने वाली आज बस छह राज्यों में ही सिमट कर रही गई है। सवाल ये है कि क्या कांग्रेस में नेतृत्व की कमी है। विपक्ष ने भी इतनी बड़ी हार के बाद इसी बात पर सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालने में अक्षम है। यहां तक की खुद कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं ने पार्टी में बड़े बदलाव की बात की।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को एक मेजर सर्जरी की जरूरत है। इधर, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो राहुल को नेतृत्व देने की बात कह डाली। दरअसल, लंबे समय से ही ये बात चर्चा में है कि राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बना देना चाहिए, लेकिन वहीं पार्टी में दो अलग-अलग सूर सुनाई दे रहे हैं। कुछ बड़े नेता चाहते हैं कि अब वक्त आ गया है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस की बागडोर सौंप दी जाए।

कमलनाथ ने कहा, प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की झलक है और यूपी की राजनीति को अच्छी से समझती हैं। दरअसल, कांग्रेस अब यूपी चुनाव को अपना फोकस बना रही है। ऐसे में यूपी के मद्देनजर कांग्रेस को संजीवनी की जरूरत है। ये संजीवनी बूटी प्रियंका या राहुल देंगे, इस बात पर चर्चा तेज हो गई है। 
प्रशांत किशोर ने भी बीते दिनों यूपी में कांग्रेस के मुख्य चेहरे को लेकर चर्चा की। प्रशांत भी चाहते हैं कि यूपी में कांग्रेस का चेहरा प्रियंका बने। हालांकि अब तक कुछ तय नहीं हो पाया है। लेकिन लगता है अब सच में बड़े बदलाव का वक्त आ गया है। जब कांग्रेस को किसी युवा शक्ति की जरूरत है।

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