राष्ट्रपति चुनाव: सोशल साइट पर भी चढ़ा खुमार


एक तरफ जहां राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी तापमान गर्माया हुआ है वहीं, सोशल नेटवर्किंग साइट्स भी इससे अछूती नहीं रही हैं। सोशल साइट पर इस समय राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आई हुई है।

कई लोग राष्ट्रपति चुनाव पर इतना ज्यादा तवज्जो दिए जाने का गलत मानते हैं। एक ने अपने ट्विट पर लिखा है कि भारतीय राष्ट्रपति सिर्फ नाम को होता है, इसलिए पर इतनी खींचतान बेमानी है। एक अन्य ट्विटर ने राष्ट्रपति को कठपुतली की संज्ञा देते हुए लिखा है कि इस पद पर किसी को भी बिठा दो कोई फर्क नहीं पडऩे वाला, क्योंकि महामहिम को तो वही करना होगा, जो केंद्र सरकार चाहेगी। एक ने दो कदम आगे जाते हुए ट्विट में ममता की तुलना विजय माल्या से कर दी, जैसे माल्या के लिए उनका ब्रांड नंबर वन वैसे ममता की नजर में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम।

वहीं, फेसबुक पर उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हुए इसे व्यर्थ की मैराथन बताया है। एक प्रतिक्रिया में कहा गया है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चुनने में पार्टियां जितना वक्त लगा रही है, उतने वक्त में केन्या का धावक दल समुद्री रास्ते से भारतीय सरजमीं पर पहुंच जाएगा।

वहीं एक ने अपनी प्रतिक्रिया में इसकी तुलना द्रोपदी के स्वयंवर से करते हुए लिखा है कि इतना समय तो द्रोपदी ने भी अपने स्वयंवर की शर्त चुनने में नहीं लगाया होगा। वहीं, कुछ ने अपनी पहली पसंद पूर्व राष्ट्रपति कलाम को बताया है।

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