तो समुद्र में समा जाएंगे महाराष्ट्र व केरल...



 समुद्र का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र, व दक्षिण केरल के तटीय इलाकों के  समुद्र की गोद में समा जाने की संभावनाएं भी बढ़ती ही जा रही है।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1990 में समुद्र का स्तर 3.5 इंच था, जो वर्ष 2100 तक 34.6 इंच होने की उम्मीद जताई जा रही है। जिस तरह से पर्यावरण में बदलाव हो रहे है, धरती गर्म हो रही है और समुंदर के जलस्तर में इजाफा हो रहा हैैं, ऐसे में मुंबई,केरल, व गुजरात कच्छ के तटीय इलाकों पर खतरा भी मंडराता हुआ नजर आ रहा है। गोदवरी, गंगा,कृष्णा, महानदी इन नदियों के जलस्तर में इजाफा हो रहा है।

सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में अगर ऐसा ही होता रहा तो महानगरी मुंबई जल्द ही काल के गाल में समा जाएगी। इस अध्ययन के पीछे 120 संस्थान व 200 से ज्यादा विशेषज्ञों ने अपनी भूमिका दर्ज की है। वर्ष 2004 से ही इस विषय को लेकर रिसर्च कर रहे हैैं। डिजिटल एलिवेशन नामक तकनीक के सहारे से यह रिसर्च किया जा रहा है।

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