60 मिनट के अंधेरे से रोशन होगा भविष्य

नई दिल्ली। कहते है न कि भविष्य को रोशन करने के लिए अगर अपने वर्तमान को कुछ देर अंधेरे में रखना पड़े तो इसमें नुकसान क्या है। इसी बात को सहीं साबित करने व विश्व में पर्यावरण सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन ऊर्जा की बचत के लिए आज राजधानी दिल्ली समेत विश्व के 150 छोटे बड़े देश एक घंटे के लिए खुदको अंधेरे में डूबो कर अर्थ आवर मनाएंगे।
विश्व में गैरजरूरी बिजली की बचत के लिए आज रात को 8:30-9:30 तक कई देश अपने यहां कि बिजली एक घंटे तक स्वीच आफ रखकर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा चलाई गए इस वैश्विक मुहिम में शिरकत करेंगे।

शामिल शहर
इस अर्थ आवर में कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई जैसे कई बड़े शहर हिस्सा लेंगे। यहीं नहीं आज की इस मुहिम में विश्व के 6000 से ज्यादा शहर भाग लेगें।

उद्देश्य
विश्व में हो रही ऊर्जा की कमी को कुछ हद तक कम करने के लिए यह कवायद की जा रही है। इससे लोगों में ऊर्जा की बचत व पर्यावरण सरक्षा की ओर जागरूकता फैलेगी। लोगों तक यह संदेश फैलेगा कि उन्हें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। इस दौरान 350 मेगावॉट से अधिक बिजली बचाने का लक्ष्य बनाया जा रहा है।

बॉलीवुड व खिलाड़ी भी मुहिम में शामिल
आज की इस मुहिम में सचिन तेंदुलकर, अभिनेता धनुष व रानी दग्गुबती व अमिताभ बच्चन भी हिस्सा लेंगे। इनका मानना है कि एक घंटे के अंधेरे से विश्व को पूरी तरह से उज्वलित किया जा सकेगा और इस अभियान में प्रत्येक देश व लोगों को हिस्सा लेना चाहिए। बूंद-बूंद से घड़ा भरता है इसलिए अगर हर शहर में हर घर में प्रत्येक लोग एक घंटे के लिए भी पावर आफ करते हैैं तो इससे काफी मात्रा में ऊर्जा की बचत करना संभव हो पाएगा।

अर्थ आवर की शुरुआत
वर्ष 2007 के 31 मार्च को पहली बार अर्थ आवर की शुरुआत हुई थी। वर्ष 2009 में भारत इस अभियान का हिस्सा बना। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के इस वैश्विक अभियान के तहत जलवायु परिवर्तन से लडऩे में सहयोग मिलेगा।

कैसे मनाएंगे अर्थ आवर
आज होटल, आइटी कंपनियां, हॉस्पिटल, पार्क, रोड, दफ्तरों में भी लोग एक घंटे तक इस अर्थ आवर दिवस को मनाएंगे। शहरों में लोग कहीं मोमबत्ती जलाकर, अपने घरों की लाईट फैन आफ करके बिजली की बचत करेंगे। मुंबई के शिवाजी पार्क में बड़ी तादाद में लोग शामिल होंगे। वहीं राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट में भी लोग एक दूसरे को पर्यावरण सुरक्षा के संदेश देने के लिए एक जूट होंगे।
गौरतलब है कि एक यूनिट बिजली की बचत से दो यूनिट बिजली का उत्पादन संभव हो पाता है। हालांकि पर्यावरण विशेषज्ञों कहना है कि हमें एक दिन नहीं बल्कि इस तरह से रोज अर्थ आवर मनाना चाहिए। ताकि लोगों तक धरती की पर्यावरण को नष्ट होने से बचाने का संदेश पहुंच सके।

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