हाथ उठाकर तहे दिल से खुदा का करें शुक्रिया...
आज बहुत दिनों बाद कुछ लिख रही हूं..क्योंकि कोई खास एहसास और बात ही नहीं थी लिखने को..लेकिन आज प्रकृति, खुदा और आस पास की हर चीज को शुक्रिया करने का दिल किया..यूंही..जानते ही क्या...हम बस रोजाना शिकायत करते रहते हैं कि ये नहीं मिला वो नहीं मिला..जीवन में संतोष कभी नहीं आता..लेकिन कल रात जब बिजली चली गई और मेरे कमरे में पावर बैक अप नहीं था, तब मुझे उस हाथ से बने छोटे से पंखे की वैल्यू समझ आई...कैसे उस पंखे ने मुझे 2 घंटे सुकून दिया..
मैं इतना तहे दिल से उस पंखे को शुक्रिया कर रही थी...जब सुबह उठी तो सबसे पहले जुंबा पर था शुक्रिया खुदा, शुक्रिया हर उस चीज का..उस पानी वाले का जो रोजाना पानी देने आता है...उस दीदी का जो घर साफ करने आती है...जो ऑटो वाला ऑफिस पहुंचता है...और उस जिंदगी का जो उस खुदा ने दी है...
हां ये होगा कल फिर से कुछ बुरा होगा या हालात मेरे अनुकूल नहीं होंगे तो मैं फिर से नाराज होकर ये कह दूंगी कि अरे क्या है जिंदगी बेकार ...लेकिन फिर भी आज से कोशिश करूंगी हर चीज के लिए उस खुदा को उस प्रकृति को शुक्रिया करूं...वो बारिश दे या गर्मी...वो हवा दे या नहीं..प्रकृति को हमेशा दिल से अपनाना चाहिए...अपनी आस-पास की हर वो चीज जो आपकी जिंदगी में एक टुकडा भी रोल प्ले करती है तो उसे शुक्रिया..दिल से आभार व्यक्त करें...हर दिन का हर पल का..हर रिश्ते का हर शख्स का...हाथ उठाकर रोजाना उस परमात्मा का करे ंशुक्रिया....
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें