भूकंप से भी नहीं कांपता बांस-गारे का यह घर.....

जिन घरों में चिडिय़ा को घौसला बनाने की इजाजत ना हो। जहां हवा भी अंदर आने में संकुचाए और सबसे बड़ा पहलू यह है कि भूकंप आने पर वही कंकरीट मलबा बन कर जान ले ले तो ऐसे घर पृथ्वी या उस पर रहने वालों के मित्र कैसे हो सकते हैं?
बांस गारे और कुछ अन्य सामग्री मिला कर बनता है ऐसा घर जो भूकंप में भी नहीं रहने वाले को कंपाता नहीं। यह अकादमिक शोध नहीं, धर्मशाला और हिमाचल के जागरूक लोगों के काम आ रही संभव तकनीक है।

यह देन है जर्मन मां और अमेरिकी पिता के घर टैक्सास में जन्मी डेलिया डीडी कांट्रक्टर की जो अब 80 वर्ष की हैं और धर्मशाला में ही रहती हैं। इंटीरियर डेकोरेटर के तौर पर उन्होंने जगनिवास और जलमहल उदयपुर को भी संवारा है। 62 वर्ष पहले डेलिया का विवाह भारतीय मूल के रामजी नारायण से हुआ। रामजी नारायण एक प्रसिद्ध वास्तुकार व भवन निर्माता थे।

डेलिया अपने पति के कार्य में सहयोग देने के साथ एक ऐसी तकनीक खोजने में सफल रही पर्यावरण मित्र होने के साथ-साथ पूरी तरह से भूकंपरोधी भी थी।

1975 में पालमपुर पहुंची डेलिया वहां 12 साल रहीं और फिर धर्मशाला में बस गई। धर्मशाला पहुंच उन्हें पता चला कि धर्मशाला क्षेत्र भूकंप जोन पांच में है। उन्होंने यहां लोगों को इस तकनीक से भवन निर्माण करने की प्रेरणा दी और वह स्वयं भी उनके साथ निर्माण कार्य में जुट गई।

डीडी कांट्रेक्टर के नाम से शुरू की गई भवन निर्माण तकनीक खासी मशहूर हो चुकी है और हर भवन निर्माता यह प्रयास जरूर करता है कि वह इस शैली में ही मकान बनवाए।

क्या है खासियत

डीडी की आधुनिक भवन निर्माण शैली में केवल मिट्टी-गारे व लकड़ी के मेल से ऐसे भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें गर्मियों में एयर कंडीशनर व सर्दियों में हीटर की कोई आवश्यकता नहीं रहती। यही नहीं, ठंडे पानी के लिए फ्रिज की भी कोई जरूरत महसूस की जाती। इस तकनीक का एक बड़ा लाभ यह भी है कि इन भवनों में आक्सीजन बहुत अधिक मात्रा में रहती है।

कैसे बनते हैं भवन

किसी भी भवन के बनाते समय उसकी नींव में टायर डालकर उनमें पॉलीथीन भरा जाता है। इसे मिट्टी के लेप से बंद कर दिया जाता है। दो मंजिला भवनों में छत का निर्माण लकड़ी व बांस द्वारा उनके जोड़ समांतर करने के बजाय एक-दूसरे के ऊपर-नीचे लगाए जाते हैं, ताकि भूकंप के दौरान ये जोड़ टूट न सके।

डेलिया का सफर

धर्मशाला में ही करीब बीस सालों से भवन निर्माण में जुटी डेलिया ने करीब 25 भूकंपरोधी भवनों का निर्माण किया है। धर्मशाला के निकट बगली में 14 बैडरूम का होटल व कई योगा केंद्र वह इसी शैली से बना चुकी हैं। वर्तमान में डेलिया कंडबाड़ी में प्रशांत भूषण के स्कूल व हॉस्टल भवन का निर्माण कर रही हैं।

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